Details, Fiction and sidh kunjika
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देवी माहात्म्यं चामुंडेश्वरी मंगलम्
धिजाग्रं धिजाग्रं त्रोटय त्रोटय दीप्तं कुरु कुरु स्वाहा।।
ॐ ग्लौं हुं क्लीं जूं सः ज्वालय ज्वालय ज्वल ज्वल प्रज्वल प्रज्वल
गोपनीयं प्रयत्नेन स्वयोनिरिव पार्वति ।
देवी माहात्म्यं चामुंडेश्वरी मंगलम्
श्री प्रत्यंगिर अष्टोत्तर शत नामावलि
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति अष्टमोऽध्यायः
दकारादि श्री दुर्गा सहस्र नाम स्तोत्रम्
श्री प्रत्यंगिर अष्टोत्तर शत नामावलि
श्री प्रत्यंगिर अष्टोत्तर शत नामावलि
जाग्रतं हि महादेवि जप ! सिद्धिं कुरूष्व मे।।
ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे ज्वल हं सं लं क्षं फट् स्वाहा ॥ ५ ॥
Kunjika practically suggests “a little something overgrown or concealed by advancement or escalating more info things.” Siddha means perfection.
श्री अन्नपूर्णा अष्टोत्तर शतनामावलिः